आज 1 फरवरी 2025 को 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश होने के बाद भारतीय शेयर बाजार ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। बीएसई सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ 77,505 पर बंद हुआ। 96 अंक, जबकि एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 23,482 पर बंद हुआ। 15 अंक, 0. 11% की गिरावट।
बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती की घोषणा की गई, जिससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ने की उम्मीद है। इसके परिणामस्वरूप फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी), ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। उदाहरण के लिए, हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले जैसी कंपनियों के शेयरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
दूसरी ओर, बजट में पूंजीगत व्यय में अपेक्षाकृत मामूली वृद्धि की घोषणा से बुनियादी ढांचे और सीमेंट कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है। लार्सन एंड टुब्रो (लैंडटी) के शेयरों में 3. 4% की गिरावट देखी गई, जो तीन महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
बीमा कंपनियों के स्टॉक्स में भी कमी आई है, क्योंकि उच्च कर स्लैब के चलते टैक्स-सेविंग बीमा उत्पादों की अपील घट गई है।
कुल मिलाकर, बजट निवेशकों की उम्मीदों पर खरा उतरा, जिससे उन्हें बाजार की हालिया बढ़त के बाद कुछ देर रुकने का मौका मिला।
विश्लेषकों का मानना है कि व्यक्तिगत आयकर में कटौती से उपभोक्ता मांग में वृद्धि होगी, जिसका उपभोक्ता-उन्मुख क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उम्मीद से कम पूंजीगत व्यय के कारण निवेशकों में निराशा है।
आगे बढ़ते हुए, निवेशक विभिन्न बजट प्रावधानों के प्रभाव का आकलन करेंगे और उसके अनुसार अपने निवेश निर्णय लेंगे। विशेषज्ञों का सुझाव है कि उपभोक्ता-उन्मुख क्षेत्रों में निवेश के अवसर हो सकते हैं, जबकि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सावधानी बरतने की जरूरत है।
अंत में, बजट 2025-26 ने बाजार में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं, जिसमें कुछ क्षेत्रों ने लाभ प्राप्त किया है, जबकि अन्य ने नुकसान सहा है। निवेशकों के लिए यह आवश्यक है कि वे बजट के विभिन्न प्रावधानों का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करें और अपने निवेश पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए रखें।

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