हाल ही में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा आयोजित कक्षा 10 की परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक होने की घटनाओं ने राज्य की शिक्षा प्रणाली को लेकर काफी चिंताएँ पैदा कर दी हैं। 18 फरवरी, 2025 को होने वाली हिंदी परीक्षा और 20 फरवरी, 2025 को होने वाली विज्ञान परीक्षा के प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर शेयर किए गए, जिसके कारण JAC ने इन परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया।
पेपर लीक की घटनाएँ और उनकी पुष्टि
कोडरमा और गिरिडीह जिलों से परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी आई है। छात्रों ने कहा कि परीक्षा के पूर्व ही व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रश्नपत्र साझा किए जा रहे थे। JAC के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने यह सिद्ध किया कि वायरल प्रश्नपत्र और असली प्रश्नपत्र में समानता मिली, जिसके चलते परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
परीक्षाओं के रद्द होने के कारण छात्रों और अभिभावकों में निराशा और असंतोष फैल चुका है। कई विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत और तैयारी के प्रति उत्साह में कमी महसूस करने की बात कही है, जबकि अभिभावकों ने परीक्षा प्रक्रिया की स्थिरता पर सवाल उठाए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अन्य छात्र संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच
जेएसी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक वरिष्ठ समिति गठित करने का निर्णय लिया है, जो पेपर लीक की घटनाओं की व्यापक जांच करेगी। राज्य सरकार ने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की योजना के संकेत दिए हैं। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस विषय पर एक बैठक की, जिसमें जांच की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की योजनाओं पर विचार किया गया।
परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
यह घटना यह संकेत करती है कि मौजूदा परीक्षा प्रणाली में सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। प्रश्नपत्रों की गोपनीयता की रक्षा करने के लिए डिजिटल निगरानी, प्रश्नपत्र वितरण प्रक्रिया में सख्त कदम, और परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा को बढ़ाने जैसे उपायों को लागू किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, अपराधियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद कर सकता है।
छात्रों के लिए सुझाव
परीक्षाओं के स्थगित होने के बाद विद्यार्थियों को अपनी तैयारियों को जारी रखना चाहिए और नई तिथियों की घोषणा की प्रतीक्षा करनी चाहिए। इस अवधि का सही ढंग से उपयोग करते हुए वे अपने कमज़ोर विषयों पर ध्यान दे सकते हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर बिखरी हुई अफवाहों से बचकर केवल आधिकारिक जानकारी पर विश्वास करें।

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