पहलगाम हमला और उसकी पृष्ठभूमि
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बैसरन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 28 पर्यटकों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए। हमलावरों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और हिंदू पहचान वाले लोगों को निशाना बनाया। इस हमले की जिम्मेदारी पहले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली, जिसे बाद में वापस ले लिया गया। यह घटना 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक नागरिकों पर हमला माना जा रहा है।
🛡️ केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और नई सुरक्षा रणनीतियाँ
हमले के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए:
- स्थायी सैन्य और अर्धसैनिक बलों की तैनाती: बैसरन घाटी और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थायी रूप से सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की योजना बनाई गई है।
- सुरक्षा चौकियों का पुनर्संयोजन: अमर्नाथ यात्रा के मार्गों पर सुरक्षा चौकियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनकी तैनाती को पुनः व्यवस्थित किया जा रहा है।
- स्थानीय गाइड्स और टूर ऑपरेटर्स के लिए दिशानिर्देश: स्थानीय गाइड्स, होटलों और टूर ऑपरेटर्स के लिए नए सुरक्षा दिशानिर्देश और SOPs (Standard Operating Procedures) तैयार किए जा रहे हैं।
🧱 सुरक्षा ढांचे में सुधार
पिछले आत्मघाती हमलों से सबक लेते हुए, पुलिस और सुरक्षा बलों ने अपने प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं:
- दीवारों की ऊंचाई बढ़ाना: पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जैसे संवेदनशील जिलों में पुलिस स्टेशनों और अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों की दीवारों की ऊंचाई कम से कम 12 फीट तक बढ़ाई जा रही है।
- सुरक्षा उपकरणों की स्थापना: CCTV कैमरे, मेटल डिटेक्टर और अन्य निगरानी उपकरणों की स्थापना की जा रही है।
🚨 अन्य राज्यों में सतर्कता
हमले के बाद पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है:
- इंटरस्टेट चेकिंग: पंजाब में अंतरराज्यीय और अंतरजिला सीमाओं पर चेकिंग और गश्त बढ़ा दी गई है।
- संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा: धार्मिक स्थलों, पर्यटक स्थलों और कश्मीरी छात्रों के अध्ययन संस्थानों में सुरक्षा बढ़ाई गई है।
🧭 स्थानीय समुदाय की भूमिका
हमले के बाद स्थानीय कश्मीरी समुदाय ने पीड़ितों की मदद के लिए आगे बढ़कर सहायता की:
- बचाव कार्यों में सहायता: स्थानीय पोनी-हैंडलर्स ने घायल पर्यटकों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
- शरण प्रदान करना: स्थानीय गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक स्थलों ने पर्यटकों को शरण दी।
📌 निष्कर्ष
2025 के पहलगाम आतंकी हमले ने कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया है। सरकार द्वारा उठाए गए नए कदमों का उद्देश्य भविष्य में ऐसे हमलों को रोकना और पर्यटकों तथा स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी और सुरक्षा बलों की सतर्कता से ही कश्मीर में स्थायी शांति और विकास संभव है।

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