वैभव सूर्यवंशी, बिहार के समस्तीपुर जिले के मोतीपुर गाँव से ताल्लुक रखने वाले एक 14 वर्षीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अपने अद्वितीय प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है। आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए, उन्होंने मात्र 35 गेंदों में शतक जड़कर इतिहास रच दिया। इस उपलब्धि के साथ ही वे आईपीएल में सबसे तेज़ भारतीय शतक बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उनकी नेट वर्थ वर्तमान में लगभग ₹2.5 करोड़ (लगभग $300,000) आंकी गई है, जिसमें आईपीएल वेतन, मैच फीस और एंडोर्समेंट्स शामिल हैं।
प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट की शुरुआत
वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के मोतीपुर गाँव में हुआ था। कृषि पृष्ठभूमि वाले परिवार से आने वाले वैभव ने चार वर्ष की आयु में क्रिकेट खेलना शुरू किया। उनके पिता ने प्रारंभिक कोचिंग दी, और नौ वर्ष की आयु में उन्होंने समस्तीपुर की एक क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। उनकी प्रतिभा ने जल्द ही ध्यान आकर्षित किया, और 12 वर्ष की आयु में उन्होंने भारत की अंडर-19 टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण करते हुए 58 गेंदों में शतक जड़ा।
आईपीएल 2025: रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को ₹1.1 करोड़ में खरीदा, और उन्होंने अपने पहले ही मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ पहली गेंद पर छक्का जड़ते हुए 34 रन बनाए। इसके बाद गुजरात टाइटन्स के खिलाफ उन्होंने 38 गेंदों में 101 रन बनाकर सबसे तेज़ भारतीय शतक का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस प्रदर्शन के साथ ही वे आईपीएल में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।
नेट वर्थ और आय के स्रोत
वैभव की कुल संपत्ति ₹2.5 करोड़ के आसपास आंकी गई है, जिसमें प्रमुख योगदान आईपीएल वेतन, मैच फीस और ब्रांड एंडोर्समेंट्स का है। हालांकि, उनकी जीवनशैली अभी भी सरल और ज़मीन से जुड़ी हुई है, जो उनके विनम्र पारिवारिक पृष्ठभूमि को दर्शाती है।
प्रमुख उपलब्धियाँ
- आईपीएल में सबसे तेज़ भारतीय शतक (35 गेंदों में)
- आईपीएल में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी (14 वर्ष, 32 दिन)
- टी20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक बनाने वाले खिलाड़ी
- बिहार के लिए सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण
पारिवारिक समर्थन और प्रेरणा
वैभव के माता-पिता ने सीमित संसाधनों के बावजूद उनके क्रिकेट करियर को समर्थन दिया। उनके पिता ने प्रारंभिक कोचिंग दी, और उनकी माँ ने घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ वैभव की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वैभव स्वयं अपने माता-पिता के त्याग को अपनी सफलता का आधार मानते हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
वैभव की प्रतिभा और समर्पण को देखते हुए, उनका भविष्य उज्ज्वल प्रतीत होता है। हालांकि, क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें अत्यधिक प्रशंसा से बचाते हुए, उनके विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी सलाह दी है कि वैभव को संतुलित प्रशंसा और मार्गदर्शन की आवश्यकता है।

मेरा नाम ध्यानचंद महतो है, और मैं bestofkhabar.com का फाउंडर और कंटेंट क्रिएटर हूं। मैं हर दिन नई और विश्वसनीय खबरों पर आधारित लेख लिखता हूं। मेरा मकसद है कि मैं लोगों तक सही और भरोसेमंद जानकारी पहुंचा सकूं।