भारतीय संस्कृति में सावन माह को बहुत ही पवित्र और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। हर साल, श्रावण मास की शुरुआत होते ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। उपवास, पूजा-अर्चना, कांवड़ यात्रा, और शिव अभिषेक जैसे धार्मिक अनुष्ठान सावन के महीने में पूरे श्रद्धा और भक्ति से किए जाते हैं।
सावन का माह हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्षा ऋतु में आता है और भगवान शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम समय माना जाता है।
📅 सावन 2025 में कब से शुरू हो रहा है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह 2025 में सोमवार, 14 जुलाई 2025 से शुरू होकर मंगलवार, 12 अगस्त 2025 तक रहेगा।
इस प्रकार सावन 2025 में कुल 5 सोमवार पड़ेंगे। ये सोमवार विशेष रूप से व्रत और शिव पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।
✅ सावन 2025 के सोमवार व्रत की तिथियाँ:
- पहला सोमवार – 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार – 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार – 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार – 4 अगस्त 2025
- पाँचवाँ सोमवार – 11 अगस्त 2025
🕉️ सावन माह का धार्मिक महत्व
सावन माह भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस मास में शिव की पूजा करने से भक्तों को जीवन में सुख, शांति और वैवाहिक सुख प्राप्त होता है।
पौराणिक मान्यताएँ:
- समुद्र मंथन के समय जब हलाहल विष निकला, तब भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में धारण किया और उन्हें “नीलकंठ” कहा गया।
- यह घटना श्रावण माह में हुई थी, इसी कारण यह महीना शिव जी को समर्पित माना जाता है।
🙏 सावन सोमवार व्रत का महत्व
सावन के सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। विशेष रूप से अविवाहित लड़कियाँ अच्छे वर की प्राप्ति और विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को करती हैं।
सावन सोमवार व्रत विधि:
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
- व्रत कथा पढ़ें और शाम को आरती करें।
- व्रत रखने वाले केवल फलाहार कर सकते हैं।
🌼 कांवड़ यात्रा का महत्व
सावन माह में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। देशभर से लाखों शिव भक्त गंगाजल लाने के लिए हरिद्वार, गंगोत्री और वाराणसी जैसी पवित्र जगहों पर जाते हैं।
कांवड़िए पैदल यात्रा करके गंगाजल लाते हैं और उसे अपने क्षेत्र के शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। यह अत्यंत कठिन लेकिन पुण्यकारी यात्रा मानी जाती है।
🌸 सावन में मनाए जाने वाले व्रत और पर्व
व्रत/त्योहार | तिथि (2025) | महत्व |
---|---|---|
सावन सोमवार व्रत | 14 जुलाई से 11 अगस्त तक | शिव पूजा |
हरियाली तीज | 31 जुलाई 2025 | सुहागन महिलाओं का पर्व |
नाग पंचमी | 7 अगस्त 2025 | नागों की पूजा |
रक्षाबंधन | 12 अगस्त 2025 | भाई-बहन का पर्व |
प्रदोष व्रत | 26 जुलाई और 9 अगस्त 2025 | शिव कृपा प्राप्ति |
📖 सावन माह की पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार एक गरीब ब्राह्मण शिव भक्त प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा करता था। एक दिन उसे कोई बेलपत्र नहीं मिला तो उसने खुद को ही शिवलिंग पर चढ़ाने की बात की। उसकी निष्ठा देखकर भगवान शिव प्रकट हुए और उसे सभी वरदान प्रदान किए।
यह कथा हमें बताती है कि सावन माह में की गई सच्ची भक्ति भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होती है और उससे भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं।
🧘 सावन में कौन से कार्य करें और कौन से नहीं?
✔️ क्या करें:
- प्रतिदिन भगवान शिव का अभिषेक करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- उपवास या फलाहार का पालन करें।
- धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।
❌ क्या न करें:
- मांस, शराब या तामसिक भोजन से परहेज करें।
- झूठ, छल और द्वेष से बचें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- किसी का अपमान न करें।
🌱 आयुर्वेद और सावन
सावन के मौसम में पाचन तंत्र थोड़ा कमजोर हो जाता है। इस कारण आयुर्वेद में इस समय हल्का, सुपाच्य और सत्त्वगुणी भोजन करने की सलाह दी जाती है।
भक्त इस महीने में सात्विक भोजन करके न केवल शारीरिक शुद्धि बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्राप्त करते हैं।
💡 सावन 2025 के लिए विशेष सुझाव
- इस सावन हर सोमवार को शिव मंदिर जाएं और रुद्राभिषेक करें।
- हरियाली तीज और नाग पंचमी को विशेष रूप से मनाएं।
- कांवड़ यात्रा में भाग लेने का मन बना रहे हों तो स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
- परिवार के साथ मिलकर सामूहिक पूजा और व्रत रखें।

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