आज के दौर में जब दुनिया भर में पारंपरिक ईंधनों की कमी और बढ़ती महंगाई एक बड़ी चिंता बन चुकी है, ऐसे समय में बायोगैस (Biogas) एक स्वच्छ, टिकाऊ और किफायती ऊर्जा स्रोत के रूप में उभर कर सामने आया है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में, जहाँ पशु अपशिष्ट और जैविक कचरे की कोई कमी नहीं है, वहाँ बायोगैस प्लांट न केवल स्वच्छ ऊर्जा का समाधान है, बल्कि यह एक शानदार व्यवसायिक अवसर भी है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे बायोगैस प्लांट क्या है, इसे कैसे सेटअप करें, इसमें कितना निवेश लगेगा, क्या-क्या जरूरी मशीनरी और कच्चा माल होगा, सरकारी सहायता और अनुदान की जानकारी, साथ ही इसमें कमाई के अवसर भी।
🔍 बायोगैस क्या है?
बायोगैस एक मिश्रित गैस है जो जैविक पदार्थों के अपघटन (decomposition) से उत्पन्न होती है। इसमें मुख्य रूप से मीथेन (CH₄), कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), और थोड़ी मात्रा में हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S) होती है। इसे घरेलू ईंधन, बिजली उत्पादन, वाहन ईंधन और खाद उत्पादन में इस्तेमाल किया जा सकता है।
🔧 बायोगैस प्लांट कैसे काम करता है?
बायोगैस प्लांट में गोबर, रसोई कचरा, फसल अवशेष आदि को एक टैंक (Digester) में भरकर एनारोबिक डाइजेशन प्रक्रिया के तहत गैस निकाली जाती है। गैस को संग्रहित कर उपयोग में लाया जाता है, जबकि बचे हुए अपशिष्ट को जैविक खाद (Slurry) के रूप में खेतों में प्रयोग किया जा सकता है।
🏭 बायोगैस प्लांट के प्रकार
- घरेलू बायोगैस प्लांट (छोटे स्तर पर)
- सामुदायिक बायोगैस प्लांट (गांव/समूह उपयोग के लिए)
- औद्योगिक बायोगैस प्लांट (बिजली उत्पादन या व्यवसाय हेतु)
📋 बायोगैस प्लांट लगाने के लिए आवश्यकताएँ
1. स्थान (Location)
- प्लांट लगाने के लिए कम से कम 300–500 वर्ग फीट जगह
- पास में पानी और कचरे की उपलब्धता होनी चाहिए
2. कच्चा माल (Raw Material)
- गोबर, रसोई कचरा, सब्ज़ी मार्केट का अवशेष
- कृषि कचरा (फसल अवशेष)
- फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का जैव अपशिष्ट
3. मशीनरी और उपकरण
- गैस डाइजेस्टर टैंक (FRP/ RCC/ HDPE)
- गैस होल्डर यूनिट
- इनलेट और आउटलेट पाइपिंग सिस्टम
- गैस पाइपलाइन
- बायोगैस स्टोव / जनरेटर (यदि आवश्यक हो)
- Slurry मैनेजमेंट सिस्टम
💰 निवेश और लागत का अनुमान
खर्च का विवरण | घरेलू प्लांट (1-2 CUM) | औद्योगिक प्लांट (25-50 CUM) |
---|---|---|
डाइजेस्टर + टैंक | ₹15,000 – ₹40,000 | ₹3 लाख – ₹8 लाख |
पाइपिंग और फिटिंग्स | ₹3,000 – ₹7,000 | ₹50,000 – ₹1 लाख |
इंस्टॉलेशन और लेबर | ₹5,000 – ₹10,000 | ₹1 लाख – ₹2 लाख |
अन्य उपकरण | ₹5,000 – ₹10,000 | ₹50,000 – ₹1 लाख |
कुल लागत | ₹25,000 – ₹60,000 | ₹6 लाख – ₹12 लाख |
✅ घरेलू प्लांट एक बार की लागत से 15–20 साल तक चलता है।
🏦 सरकारी योजनाएं और सब्सिडी
भारत सरकार MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) और कई राज्य सरकारें बायोगैस को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देती हैं:
प्रमुख योजनाएँ:
- नैशनल बायोगैस एंड ऑर्गेनिक मैन्योर प्रोग्राम (NBOMP)
- ग्राम ऊर्जा योजना (GOBARdhan)
- PM Kusum योजना – बायो एनर्जी घटक
सब्सिडी दरें: घरेलू प्लांट पर ₹9,000–₹20,000 तक, औद्योगिक प्लांट पर 20%–40% तक।
📈 कमाई और लाभ
बायोगैस प्लांट से कमाई के अनेक स्रोत हैं:
1. गैस बिक्री
- 1 CUM गैस = 0.43 kg LPG
- होटल, ढाबा या रसोई गैस उपभोक्ताओं को बेच सकते हैं
2. बिजली उत्पादन
- बायोगैस से जनरेटर चलाकर बिजली उत्पन्न की जा सकती है
- Cold Storage, Poultry Farm में उपयोग
3. जैविक खाद (Bio Slurry) बिक्री
- Slurry से बनी खाद ₹5–₹10/किलो में बिकती है
- जैविक खेती करने वाले किसान इसके मुख्य ग्राहक होते हैं
4. Carbon Credit और CSR फंडिंग
- कार्बन उत्सर्जन में कमी के आधार पर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से क्रेडिट मिलते हैं
📢 मार्केटिंग और बिक्री के तरीके
1. स्थानीय प्रचार
- ग्राम पंचायतों, किसान मंडलों में प्रचार
- प्रदर्शनी और जागरूकता शिविर
2. ऑनलाइन प्रचार
- Facebook Page, YouTube Channel पर जागरूकता
- Google My Business लिस्टिंग
3. B2B नेटवर्किंग
- होटल, डेयरी, स्कूल, नर्सरी आदि से कॉन्टैक्ट
- जैविक खाद कंपनियों को Slurry बेचने की साझेदारी
🧠 सफल बायोगैस उद्यमी बनने के लिए टिप्स
- स्थिर कच्चा माल स्रोत सुनिश्चित करें
- गुणवत्तापूर्ण इंस्टॉलेशन करवाएं
- Slurry का अच्छे से मैनेजमेंट करें
- गैस स्टोरेज और वितरण प्रणाली मजबूत रखें
- स्थानीय सरकारी विभागों से तालमेल बनाएं
🔮 भविष्य की संभावनाएँ
- Bio-CNG प्लांट: बायोगैस को उच्च तकनीक से शुद्ध कर CNG बनाया जा सकता है
- Waste to Energy प्लांट
- Export-Grade Organic Fertilizer Production

मेरा नाम ध्यानचंद महतो है, और मैं bestofkhabar.com का फाउंडर और कंटेंट क्रिएटर हूं। मैं हर दिन नई और विश्वसनीय खबरों पर आधारित लेख लिखता हूं। मेरा मकसद है कि मैं लोगों तक सही और भरोसेमंद जानकारी पहुंचा सकूं।