कोलकाता: मंगलवार सुबह पश्चिम बंगाल और उसके पड़ोसी इलाकों में भूकंप के झटकों से दहशत का माहौल देखने को मिला। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में 5. 1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके कोलकाता, साउथ 24 परगना, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और आसपास के इलाकों में महसूस किए गए। भूकंप के कारण लोग डर के मारे अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
भूकंप का केंद्र और गहराई
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में था, जो लगभग 10 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता मध्यम थी, लेकिन शहर में कई लोगों ने इसके झटके महसूस किए। इस भूकंप का असर पश्चिम बंगाल के साथ-साथ ओडिशा और झारखंड के कुछ इलाकों में भी देखा गया।
कोलकाता और आसपास के इलाकों में झटकों का असर
कोलकाता के विभिन्न स्थानों पर सुबह लगभग 10:30 बजे कंपन का अनुभव किया गया। कई ऑफिसों और घरों में लोग थोड़ी देर तक कंपन महसूस करने के बाद बाहर निकल आए। हालाँकि, अब तक किसी प्रकार के गंभीर नुकसान या क्षति की खबर नहीं आई है। फिर भी, लोग चिंतित हैं और प्रशासन ने सावधान रहने की सलाह दी है।
भूकंप के कारण लोगों में दहशत
भूकंप के झटकों के बाद कई इलाकों में लोग डर के मारे घरों और ऑफिसों से बाहर आ गए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने भूकंप के अनुभव साझा किए। कोलकाता के साल्ट लेक, बेहाला, हावड़ा, पार्क स्ट्रीट और एलीट बाजार जैसे इलाकों में झटके महसूस किए गए।
एक स्थानीय निवासी, संदीप बनर्जी ने बताया, मैं अपने ऑफिस में काम कर रहा था, तभी अचानक टेबल और कुर्सी हिलने लगी। पहले तो मुझे लगा कि कोई भारी वाहन बाहर से गुजरा होगा, लेकिन जब देखा कि साथी कर्मचारी भी बाहर भाग रहे हैं, तब अहसास हुआ कि यह भूकंप है।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
कोलकाता नगर निगम और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति की निगरानी की है। प्रशासन ने भूकंप के झटकों के बाद किसी संभावित खतरे से निबटने के लिए सतर्क रहने की अपील की है। स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को भी सजग कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से सक्रिय रहने के बजाय सावधानी बरतने की विनती की। उन्होंने ट्वीट किया, हम भूकंप के झटकों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए प्रशासन तैयार है। कृपया अफवाहों से दूर रहें और सुरक्षित रहें।
भूकंप के पीछे का वैज्ञानिक कारण
भारत और उसके पड़ोसी क्षेत्रों को भूकंपीय घटनाओं के प्रति संवेदनशील माना जाता है। बंगाल की खाड़ी के इलाके में भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और बर्मी माइक्रोप्लेट के बीच लगातार हलचल होती रहती है। इस हलचल के कारण ही असंगत अंतराल पर भूकंप आते हैं। शोधकर्ताओं ने संकेत दिया है कि सबसे हालिया भूकंप बंगाल की खाड़ी में प्लेटों के बीच बढ़ी हुई गतिविधियों से जुड़ा था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अधिकारियों ने बताया है, “यह भूकंप बंगाल की खाड़ी में स्थित टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण आया है। ऐसे क्षेत्रों में पूरे इतिहास में भूकंपीय गतिविधि देखी गई है, इसलिए लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
क्या करें जब भूकंप आए?
भूकंप के दौरान सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों ने कुछ सावधानियां बताई हैं, जो भूकंप के दौरान आपकी जान बचा सकती हैं—
- यदि आप घर के अंदर हैं:
- किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छुप जाएं।
- दीवारों, शीशों और भारी सामानों से दूर रहें।
- लिफ्ट का उपयोग न करें, सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- यदि आप बाहर हैं:
- खुले स्थान की ओर भागें, जहां आसपास कोई इमारत या बिजली के खंभे न हों।
- ऊंची इमारतों, पुलों और पेड़ों से दूर रहें।
- यदि आप वाहन चला रहे हैं:
- सड़क के किनारे सुरक्षित स्थान पर वाहन रोकें।
- पुलों या फ्लाईओवर के नीचे वाहन न रोकें।
भविष्य में भूकंप से बचाव के उपाय
भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सरकार और आम जनता दोनों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। कुछ महत्वपूर्ण उपाय इस प्रकार हैं—
- भूकंप-रोधी इमारतों का निर्माण: नई इमारतों और पुलों को भूकंप-रोधी तकनीक से बनाना जरूरी है।
- आपदा प्रबंधन टीम का गठन: हर बड़े शहर में प्रशिक्षित आपदा प्रबंधन टीमें होनी चाहिए, जो भूकंप के समय तेजी से बचाव कार्य कर सकें।
- जनता को जागरूक बनाना: स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों पर भूकंप से निपटने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
- आपातकालीन किट तैयार रखना: हर परिवार को टॉर्च, रेडियो, प्राथमिक चिकित्सा किट, जरूरी दवाइयां और सूखा भोजन तैयार रखना चाहिए।
निष्कर्ष
कोलकाता और आसपास के इलाकों में आए इस भूकंप ने एक बार फिर दिखाया कि प्राकृतिक आपदाओं के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। हालाँकि, इस भूकंप से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह एक चेतावनी जरूर है कि हमें भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। सरकार, वैज्ञानिक और आम जनता मिलकर सतर्कता और जागरूकता बढ़ाकर भूकंप से होने वाले खतरों को कम कर सकते हैं।

मेरा नाम ध्यानचंद महतो है, और मैं bestofkhabar.com का फाउंडर और कंटेंट क्रिएटर हूं। मैं हर दिन नई और विश्वसनीय खबरों पर आधारित लेख लिखता हूं। मेरा मकसद है कि मैं लोगों तक सही और भरोसेमंद जानकारी पहुंचा सकूं।