दिल्ली-एनसीआर में मौसम का बदलाव
दिल्ली-एनसीआर के मौसम में अप्रत्याशित बदलाव आया है। कई दिनों तक ठंड और शुष्क रहने के बाद राजधानी और उसके आस-पास के इलाकों में बारिश की संभावना बढ़ गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले 48 घंटों में पूरे एनसीआर क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जिसमें दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद शामिल हैं।
बारिश का कारण
इस वर्षा का प्रमुख कारण पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) समझा जा रहा है, जो उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित कर रहा है। इसके प्रभाव से बादलों का समूह बढ़ गया है और वायु में नमी बढ़ती जा रही है, जिसके कारण समय-समय पर वर्षा हो रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह परिस्थिति अगले 48 घंटों तक बनी रह सकती है।
अगले दो दिनों का पूर्वानुमान
- 20 फरवरी: बादल बने रहेंगे, हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना। अधिकतम तापमान 22°C और न्यूनतम तापमान 14°C रहने की संभावना है।
- 21 फरवरी: रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी, तथा कुछ इलाकों में गरज के साथ तेज़ हवाएँ और बौछारें पड़ सकती हैं। तापमान में मामूली गिरावट संभव है।
देशभर के प्रमुख राज्यों में मौसम का हाल
उत्तर भारत
- उत्तर प्रदेश: पश्चिमी यूपी में बारिश के आसार हैं, जबकि पूर्वी इलाकों में बादल छाए रह सकते हैं। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में हल्की बारिश संभव है।
- पंजाब-हरियाणा: चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, अंबाला और पंचकूला में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
- हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है, जबकि निचले इलाकों में बारिश होगी। शिमला, मनाली, मसूरी और नैनीताल में तापमान ठंडा रहेगा।
पूर्वी भारत
- बिहार-झारखंड: पटना, गया, रांची और जमशेदपुर में बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना कम है।
- पश्चिम बंगाल और ओडिशा: कोलकाता और भुवनेश्वर में हल्की बारिश हो सकती है।
पश्चिमी भारत
- राजस्थान: जयपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर में हल्की बारिश हो सकती है।
- गुजरात और महाराष्ट्र: अहमदाबाद और मुंबई में बादल छाए रह सकते हैं, लेकिन बारिश की संभावना कम है।
दक्षिण भारत
- कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु: बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और चेन्नई में हल्की बारिश हो सकती है।
- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: हैदराबाद और विशाखापट्टनम में भी मौसम बदला रहेगा।
मौसम के बदलाव का असर
बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर और अन्य इलाकों में ठंड बढ़ सकती है। साथ ही हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होने की संभावना है। यह बारिश किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन इससे रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ सकता है।

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